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माया के सात द्वार और शान्मुखी मुद्रा

शान्मुखी मुद्रा के द्वारा करें अद्भुत शांति का अनुभव क्या आप परेशान हैं ? अधिकाँश लोग यह सुनकर हाँ कहेंगे। हमारी इच्छाएँ हमें हर पल उलझा कर रखती हैं। यही परेशानियां और उलझनें मानव को तीव्रता से बुढ़ापे की ओर ले जाती हैं। सनातन क्रिया में हमारी इच्छाओं पर नियंत्रण करने हेतु एक विधि दी है, जिससे न केवल मन शांत होता है, अपितु गुरु सानिध्य में किये जाने पर सूक्ष्म जगत के अनुभव भी होते हैं। किसी न किसी इच्छापूर्ति के लिए, हर समय हमारी कोई एक इंद्रिय सक्रिय रहती है। मानव शरीर में इन इच्छाओं के द्वार हैं हमारी इन्द्रियाँ। शान्मुखी मुद्रा, इन्हीं द्वारों को बंद करके, भीतर की वास्तविक दुनिया के अनुभव देती है। अपनी पीठ बिलकुल सीधी रखते हुए सिद्धासन में बैठ जाएँ। धीरे से अपनी कोहनियों को कन्धों के स्तर पर रखते हुए , अपने हाथों को चेहरे के सामने लाएँ। अपने अँगूठों से दोनों कानों को बंद करें और तर्जनी से दोनों आँखों को। बीच की ऊँगली से नासिका मार्ग दबाएँ और अन्तराल पर साँस भरते रहें। मुँह बंद करने के लिए अनामिका और छोटी ऊँगली का उपयोग करें। सभी बाह्य द्वारों को बंद करने के बाद भीतर की ध...