योग एक सम्पूर्ण विज्ञान है जो हजारों वर्ष पूर्व वैदिक ऋषियों ने गुरु-शिष्य परम्परा द्वारा हमें दिया हालाँकि आज के समय में मानव जीवन शैली में एक बड़ा परिवर्तन आया है किन्तु योग के नियम आज भी वही हैं। तेजी से साँस लेना, उछल कूद करना, अपने शरीर को मोड़ना तोड़ना, यह सब योग नही है, योग तो स्वयं को जानने की एक सुंदर यात्रा है। इस यात्रा में साधना का लाभ तभी अनुभव किया जा सकता है जब योग को संपूर्णता से किया जाए। जैसे एक मरीज को डॉक्टर के नुस्खे से लाभ तभी होगा जब मरीज उसकी दवा संपूर्णता से ले, वैसे ही योग एक दिव्य नुस्खे के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार परिवर्तन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा योग क्रियाओं का लाभ पाने के लिए इनका अभ्यास नियमित रूप से करना अनिवार्य है क्योंकि आप किसी भी बीमारी का इलाज केवल डॉक्टर का नुस्खा पढ़कर नहीं कर सकते, आपको उसके द्वारा दी गई दवा लेनी ही होगी। योगी अश्वनी योग सीधे शब्दों में जीवन के सभी पहलुओं में तथा सभी पहलुओं के साथ जुड़ना है। इसके लिए दुनिया को त्याग, पहाड़ों पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। योग साधक, परिव...
Journey of the spirit 'Sanatan Kriya'