Skip to main content

Posts

Showing posts with the label HANUMAN

भगवान राम के अति प्रिय भक्त है ,हनुमान जी

यह लेख  देशप्यार  में प्रकाशित हुआ था  ।

Let's demystify the myth of energy called Hanuman

Creation exists in layers, some perceivable by our five senses, for some higher senses are required. Yet all the layers exist and the subtler or higher layers control the layers below, the creation as it appears to an ordinary person being the grossest layer, which is controlled by the subtler layers, the layer of energy, the world of ether. Every entity on earth is a reflection of energy, is influenced by and influences the world of energy and hence, has an effect on every aspect of creation – be it a dog, a monkey, a cow, a tree, stone or a human being. The realm of energy manifests itself first in the form of a thought, then sound, then colour, and finally the five elements that constitute the bodies of the trees, animals, humans, stones, alike. The sciences of premonition, clairaudience, clairvoyance , healing , etc stem from here. Sanatan Kriya brings the various layers of a being and as a result certain higher centres open up, allowing a practitioner to perceive the vari...

बंदरों की रक्षा कर अपना धर्म निभाए लोग

Yogi Ashwini  JI Article in   DivyaHimachal , S himla

ज्ञान के प्रतीक - श्री हनुमान

ज्ञान के प्रतीक श्री हनुमान

हनुमान जी की शक्तियों को कुछ विशेष मंत्रों के जाप से जगाया जाता है, जानें कैसे

शास्त्रों के अनुसार हनुमान की शक्ति कलियुग में भी पृथ्वी लोक पर मौजूद है। उनकी सूक्ष्म शक्ति का अनुभव ध्यान आश्रम के कुछ साधकों ने भी किया है और वह शक्ति किस स्थान पर है , उससे भी वह भली - भांति परिचित हैं । हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर हम उनकी दिव्य शक्ति को थोड़ा और समझने का प्रयास करते हैं। भगवान राम के अति प्रिय भक्त , श्री हनुमान , महादेव शिव का ही ‘ रूद्र ’ स्वरुप हैं। वह अतुलित बल के प्रतीक हैं , जिन्होंने   अकेले ही जीवन दान देने वाले संजीवनी पहाड़ को उठा लिया था और अकेले ही रावण की लंका में आग लगा दी थी। शास्त्रों के अनुसार हनुमान की शक्ति कलियुग में भी पृथ्वी लोक पर मौजूद है। उनकी सूक्ष्म शक्ति का अनुभव ध्यान आश्रम के कुछ साधकों ने भी किया है और वह शक्ति किस स्थान पर है , उससे भी वह भली - भांति परिचित हैं । ध्वनि के स्तर पर , श्री हनुमान की शक्ति का संचालन गुरु सानिध्य में , ‘ रूद्र रूद्र महारुद्र मंत्र...

भारत तक सीमित नहीं है राम नाम, विदेशों में भी पूजे जाते हैं लेकिन एक अलग रूप में

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी 'राम नवमी' के नाम से जानी जाती है। 'राम' इस सृष्टि में एक सकारात्मक दैविक शक्ति के प्रतिरूप हैं, जिन्होंने संपूर्ण सृष्टि में संतुलन की पुनः स्थापना के लिए जन्म लिया था।  इस दिन नक्षत्रों एवं ग्रहों की स्थिति ही कुछ ऐसी थी कि एक असाधारण दैविक शक्ति ‘राम’ के रूप में मानव शरीर धारण कर सके। प्रत्येक वर्ष का यह दिन राम शक्ति से ओत-प्रोत होता है जो इस दिन की ऊर्जा को बहुत शक्तिशाली बनाता है। गुरु सानिध्य में साधक, सुगमता से इस दिन की असाधारण शक्ति को प्राप्त कर उसे अपनी आत्मिक उन्नति और परोपकारी कार्यों में लगाते हैं। 'राम' शब्द केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर की संस्कृतियों में इस शब्द का किसी न किसी रूप में उल्लेख है। उदाहरण के तौर पर, स्कैंडिनेवियाई देशों में सबसे अधिक बिकने वाला पानी 'राम-लूसा' के नाम से बिकता है।  मुसलमानों का पाक महीना भी 'रामदान' कहा जाता है। हेज़रों का बेटा, जो कि डेविड का एक पूर्वज था, 'राम' के नाम से जाना जाता था। इजराइल के राज्य में भी 'जय-हो-र...