वैदिक सभ्यता कदाचित विश्व भर में सबसे उन्नत सभ्यता है। वैदिक ऋषियों द्वारा सृष्टि के विभिन्न पहलुओं का जो गूढ़ ज्ञान प्राचीन ग्रंथों में विस्तार से आलेखित है, वह आज तक बेजोड़ है। आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार जब बाकि दुनिया में असभ्य और जंगली लोगों का वास था, उस समय वैदिक ऋषि - मुनि शान्ति, प्रकृति के संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण तथा पशुओं के प्रति दया और करुणा की बात कर रहे थे और दूर अन्य ब्रह्माण्डों और आकाशगंगाओं की संकल्पना में ध्यानस्त थे। ऐसे ही एक असाधारण वैदिक विशेषज्ञ थे- सुश्रुत जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा के आगमन से पहले ही विश्व को शल्य चिकित्सा की कला दे दी थी। 600 ईसा पूर्व काशी में, जिसे आज वाराणसी के नाम से जाना जाता है, एक बूढ़ा आदमी रहता था। कोई भी उसके अतीत या जन्म या ठिकाने के बारे में नहीं जानता था, मानों वह यों ही कहीं से प्रकट हो गया था। ऐसी अफवाहें थीं कि वह देवों के चिकित्सक धनवंतरी का शिष्य था और शायद वह देवताओं के निवास से पृथ्वी पर उतरा था। वह बूढ़ा आदमी प्राचीन भारतीय सर्जन(शल्य चिकित्सक ) सुश्रुत था जो शल्य विज...
Journey of the spirit 'Sanatan Kriya'