सृष्टि की किसी भी वस्तु का अधिक मात्रा में उपभोग करना अनुचित होता है , और इस तथ्य के बावजूद हमें इस सृष्टि से ऊपर उठने के लिए सृष्टि की सारी वस्तुओं का उपभोग करने की आवश्यकता होती है। सृष्टि ने हर व्यक्ति को अपना जीवन सही तरीके से जीने हेतु और उसकी सारी जरूरतों को पूरा करने हेतु उसे कई सारे साधन प्रदान किये हैं। यहाँ हमें इस तथ्य को समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है की इंसान की जरूरतें सीमित होती हैं किन्तु उसकी इच्छाएँ असीम होती हैं। मायाजाल की उपज इंसान की जरूरतों से नहीं अपितु उसकी इच्छा...
Journey of the spirit 'Sanatan Kriya'